Introduction of the Department :
सागर विश्वविद्यालय का हिन्दी विभाग भारत के प्रतिष्ठित विभागों में से एक रहा है। इसके संस्थापक विभागाध्यक्ष पं. आनन्दमोहन वाजपेयी थे। पं. आनन्दमोहन वाजपेयी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, बनारस से दीक्षित थे। बाबू श्यामसुन्दर दास और आचार्य रामचंद्र शुक्ल के सुयोग्य शिष्य के रूप में आपकी प्रतिष्ठा थी। सौष्ठववादी आलोचना के जनक आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी ने वर्ष 1947 में विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य आरम्भ किया। आचार्य वाजपेयी जी का कार्यकाल हमारे हिन्दी विभाग व हिन्दी आलोचना के इतिहास में स्वर्णकाल के रूप में दर्ज है। हिन्दी की प्रतिष्ठित पत्रिका 'आलोचना' का संपादन काफी दिनों तक आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी के हाथों सागर से ही हुआ। आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी के प्रयासों और साहित्य के क्षेत्र में उनके सार्थक हस्तक्षेप से सागर का हिन्दी विभाग उनके समय में साहित्य की राजधानी बन गया था।
- Teacher: DHSGSU User